धारा-410भा0दं0सं0 चुराई गई संपत्ति की परिभाषा इस प्रकार है-" वह सम्पत्ति, जिसका कब्जा चोरी द्वारा, उद्दापन द्वारा या लूट द्वारा अंतरित किया गया है और व संपत्ति, जिसका आपराधिक दुर्विनियोग किया गया है, या जिसके विषय में आपराधिक न्यासभंग किया गया है, चुराई हुई संपत्ति कहलाती है, चाहे वह अंतरण या वह दुर्विनियोग या न्यासभंग भारत के भीतर किया गया हो या बाहर।
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" इस तरीके से धारा-411भा0दं0सं0 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति चोरी, लूट, उद्दापन, आपराधिक दुर्विनियोग न्यासभंग से प्राप्त संपत्ति यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह चुराई गई संपत्ति है, बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखेगा, तो वह दोनों में से किसी भॉति के कारावास से, जिसकी अवधि 3वर्ष तक की हो सकती है, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जा सकेगा।